Barabar Caves : बराबर की पहाड़िया बिहार की सबसे महत्वपूर्ण विरासतो में से एक मानी जाती है इन बराबर पहाड़ियों का कुछ हिस्सा जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड में तू कुछ हिस्सा गया जिला में पड़ता है। बराबर पहाड़ की शीघ्र की सबसे ऊंची चोटी पर बाबा सिद्धेश्वर नाथ का मंदिर है वहां पर सिद्धेश्वर नाथ बाबा बृजमान है, हजारों हजारों साल पुराने इस बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए सालों भर श्रद्धालु आते हैं लेकिन सावन के पावन महीना में यहां पर श्रद्धालुओं को भीड़ उमर पड़ती है यहां मंगल के सम्राट अशोक के समय के शिलालेखों आज भी उससे समराज की गाथा अपने अंदर सहेज हुए हैं। बड़ाबर कि इस पहाड़ियां पर विभिन्न तरह के औषधिया भी विराजमान है जो लोगों को आराम देने में काफी ज्यादा मददगार साबित होता है।
गया रेलवे स्टेशन से 30 किलोमीटर दूरी पर सिद्धेश्वर नाथ मंदिर स्थित है?
गया रेलवे स्टेशन से 30 किलोमीटर उत्तरी पूर्वी और जहानाबाद के मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दक्षिण पूर्वी में बाबा सिद्धेश्वर नाथ का मंदिर स्थित है बराबर पर्वत सीखना न केवल स्वच्छंद और प्रदूषण रहित नैसर्गिक सौंदर्य को समेट है बल्कि भारत की अमूल्य पौराणिक एवं ऐतिहासिक धरहरा का संगम भी है, बराबर में कुछ ऐसे चीजें भी उपलब्ध है जो लोगों के लिए खास बन जाते हैं जैसे कि वहां पर विभिन्न तरह की औषधियां भी उपलब्ध है जो रोग बीमारी से लड़ने में काफी ज्यादा मददगार साबित होते हैं।
बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में सुरक्षा के लिए पुलिस भी मौजूद है?
बराबर की पहाड़ी में सावन की पावन महीने में दर्शन करने के लिए वहां पर लाखों लाख आदमी आते हैं इसी को देखते हुए सुरक्षा के लिए अब यहां पर पुलिस थाने की भी स्थापना कर दी गई है बौद्ध सर्किट में जोड़े जाने के साथ-साथ प्रत्येक वर्ष यहां वनावर महोत्सव का भी आयोजन होता है, लगभग इसकी लागत 24 करोड़ इस पर्वत की ऊंची चोटी तक सुगमता पूर्वक पहुंचने को लेकर रुपए का निर्माण कार्य भी यहां प्रस्तावित है इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी हो गई है हालांकि 4 किलोमीटर तक बनने वाला इस रुपए के निर्माण कार्य में लगातार विलंब हो रहा है यहां पर बहुत सुविधाएं दी गई है यात्री सेठ की भी व्यवस्था किया गया है जो कि लोगों के लिए काफी ज्यादा आरामदायक है।
मगध क्षेत्र का हिमालय मानी जाती है बराबर पर्वत ?
मगध के क्षेत्र में आने वाले इस बराबर पर्वत 100 फीट ऊंची मगध का हिमालय भी कहा जाता है यह देश के बेहद सबसे पुराने पर्वतों में से एक मानी जाती है बराबर की पहाड़ियां पर कुल मिलाकर 7 गुफाएं हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है इनमें चार बराबर पहाड़ियां पर और तीन पास में ही नागार्जुन पहाड़ियां पर स्थित है, बराबर की पहाड़ियों को सावधानीपूर्वक हजारों साल पहले इंसान ने बेहद सुंदर गुफाएं को बनाया है इसमें से कई गुफाएं की दीवार को देखकर आप दंग रह जाएंगे क्योंकि इसकी इतनी ज्यादा चिकनाई या है कि आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं क्योंकि इसके सामने टाइल्स मार्बल सभी फेल हो जाते हैं यह अद्भुत मानी जाती है।
बाबा विश्वनाथ का मंदिर बराबर की ऊंची चोटी पर अवस्थित
बाबा सिद्धेश्वर नाथ का मंदिर सातवीं शताब्दी पर मनाया गया था जो बराबर पहाड़ पर वजूद बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का निर्माण शताब्दी में ता काल के दौरान कराया गया था हालांकि इसे लेकर दत्त कथाओं में यह भी प्रचलित है कि राजगीर में बाहर राजा जरासंध द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था यहां से गुप्त मार्ग राजगीर किले तक पहुंचा था, इस मौके से राजा पूजा अर्चना करने के लिए आते थे पर्वत के नीचे विशाल जलाशय पताल गंगा में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना की जाती थी।
पटना से कैसे पहुंचे बराबर धाम ?
पटना की सड़क के के जरिए यहां आप आसानी से भारत सरकार द्वारा चलाए गए रेल या फिर अपनी निजी वाहन से 3000 घंटे में पहुंच सकते हैं पटना गया राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 83 से होते हुए आप जमुना नदी के पुल को पार करने पर पूरब की ओर सड़क जाती है या तो फिर आप वाणावर हॉल्ट पर उतर कर पूरब की ओर सड़क जाती है जो सीधे पर्यटन स्थल बराबर धाम तक पहुंचती है। यह दूर से आए सभी पर्यटन ओं के लिए जिला प्रशासन की ओर से कई तरह की व्यवस्था किए गए हैं सुरक्षा के लिए पुलिस रहती है वही खानपान और रुकने के लिए यात्री सेठ की व्यवस्था की गई है जो आपको आसानी से मिल जाएगी।
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